20 अप्रैल 2017

‘भाग्यशाली’ व्यक्ति की पहचान

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आज हम आपके समक्ष कुछ ऐसे संकेत एवं लक्षण प्रस्तुत कर रहे हैं जो एक ‘भाग्यशाली’ व्यक्ति की पहचान कराते हैं। भाग्य, जो अपने निर्माण के साथ हमारा भी निर्माण करता है। लेकिन वह अच्छा होगा या बुरा, यह तो समय ही बताता है। तो चलिए जानते हैं, कि क्या आप इस श्रेणी में आते हैं........
ऐसा व्यक्ति जिसका स्वास्थ्य अच्छा है, जो कभी नहीं या फिर बेहद कम बीमार पड़ता हो, ऐसा व्यक्ति भाग्यशाली है। जो लोग निरंतर बीमार पड़ते हैं, वे जीवन में पल-पल नुकसान झेलते हैं। इसलिए उन्हें भाग्यहीन कहा जाता है। आप सौभाग्यशाली है या नहीं, यह आपके जीवनसाथी पर भी निर्भर करता है। जिन लोगों के जीवनसाथी विनम्र स्वभाव वाले होते हैं, उन्हें भाग्यशाली लोगों की श्रेणी में आंका जाता है। क्योंकि ऐसा जीवनसाथी जो पल-पल आपको सहारा दे, आपसे प्यार से बात करे, समाज में आपकी प्रतिष्ठा का ख्याल रखे, वही आपको जीवन में सफल बना सकता है। लेकिन इसके विपरीत यदि आपको ऐसा जीवनसाथी मिल जाए, जो छोटी-छोटी बात पर झगड़ा करे, आपसे सबके सामने चीखकर बात करे, आपके सम्मान को ठेस पहुंचाए, ऐसा पार्टनर आपके आने वाले अच्छे भविष्य का कबाड़ा कर देता है।

जीवनसाथी के बाद जीवन को यदि और सुगम बनाने के लिए किसी का नाम लिया जाए, तो वो हैं हमारे
बच्चे। संतान का सुख हर कोई पाना चाहता है। लेकिन केवल संतान होना ही संतान सुख नहीं, यदि
संतान आपकी आज्ञा मानती हो तो ही आपको असल सुख की प्राप्ति होती है। 
किसी महान पुरुष ने कहा है कि कलियुग में ‘धन’ ही अच्छे कुल की पहचान कराएगा। इसलिए अगर आपके
पास धन है और धन कमाने का निरंतर माध्यम है तो खुद को भाग्यशाली मानें।किंतु अचानक से धन कमाने 
के बाद लंबे समय के लिए धनहीन हो जाने वाले लोग भाग्यहीन माने जाते हैं।
शिक्षा से तात्पर्य केवल स्कूल की या कालेज की पढ़ाई नहीं है, यदि आपने समाज मंा खुद की पहचान बनाने 
की शिक्षा प्राप्त की है, बड़ों का आदर करने की शिक्षा प्राप्त की है, खुद को सफल बनाने में सक्षम हैं, तो आप
 विदुर नीति के अनुसार भाग्यशाली माने जाते हैं

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