11 जनवरी 2017

नेता

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नेतृत्व मुख्य रूप से कार्यों को करने या संभव बनाने का विज्ञान है। लेकिन मुझे लगता है कि हमारे देश में स्थिति उल्टी है। यहां अगर आप काम को होने से रोक सकते हैं तो आप नेता बन सकते हैं। अगर आप काम-काज ठप्प करा सकते हैं, शहर बंद कर सकते हैं, सडक़ रोको, रेल रोको जैसे आंदोलन सफल करा सकते हैं, तो इसका मतलब है कि आप नेता बन सकते हैं। दुर्भाग्य की बात है कि देश को रोकने की कला नेता बना रही है। आखिर नेता बनने का मतलब क्या है? कोई भी शख्स तब तक खुद को नेता नहीं कह सकता, जब तक कि उसके जीवन में कोई ऐसा लक्ष्य न हो जो उससे भी बड़ा हो। 

अपनी व्यक्तिगत जीवन-यापन की चिंताओं से परे जाकर वह जीवन को एक बड़े फ लक पर देख रहा होता है। नेता का मतलब है: एक ऐसा व्यक्ति जो उन चीजों को देख और कर सकता है, जो दूसरे लोग खुद के लिए नहीं कर सकते। ऐसा न हो तो आपको नेता की जरूरत ही नहीं है। अगर एक नेता भी वही चीजें कर रहा है, जो हर कोई कर रहा है तो आपको नेता की जरूरत ही नहीं है। अगर उसकी भी वही सोच है जो हर किसी की है तो आपको नेता की जरूरत ही नहीं है। तब तो नेताओं के बिना हम और बेहतर कर सकते हैं। नेता की उपस्थिति इसलिए जरूरी हो जाती है, क्योंकि लोग सामूहिक रूप से जहां पहुंचना चाहते हैं, वहां पहुंच नहीं पा रहे। वे पहुंचना तो चाह रहे हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि वहां तक पहुंचा कैसे जाए। इसीलिए एक नेता जरूरी हो जाता है।

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