14 जनवरी 2017

दर-दर की ठोकरों ने बना दिया एशिया का अमीर व्यक्ति

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दुनिया में ऐसे कई सारे लोग होंगें जो जिंदगी में नौकरी पाने की जदोजहद करते हैं। कुछ लोगों को वक़्त पर अच्छी नौकरी मिल जाती है तो कुछ लोग अच्छी नौकरी ढूंढने में अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण वक़्त खो देते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते जो अपनी असफलताओं को ही अपना औजार बना खुद की कंपनी खोलने के बारे में सोचते हैं। आज की कहानी एक ऐसे ही शख्स के बारे में है जो काफी जुनूनी, मेहनती, काम करने के लिए एक हद तक पागल है, और आज उनकी कामयाबी की पूरी दुनिया दीवानी है।
आपको यह जानकार हैरानी होगा कि इस शख्स को एक वक़्त पर 30 से ज्यादा कंपनियों ने रिजेक्ट कर दिया था लेकिन आज ये एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अलीबाबा समूह के मालिक जैक मा की। जैक मा का जन्म चीन के ज़ेजिआंग प्रान्त के हन्हाजु गाँव में हुआ था। जैक मा के माता-पिता का पारम्परिक गाकर बजाकर कहानियां सुनाने का काम किया करते थे। जैक मा को बचपन से ही अंग्रेजी सीखने की इच्छा हो गयी थी ,इसलिए वो प्रतिदिन सुबह साइकिल से पास की होटल पर जाते थे जहा अक्सर विदेशी नागरिक ठहरते थे।परिवार की कमजोर आर्थिक हालत की वजह से, जैक मा को अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। आप को यह जानकार हैरानी होगी कि इस प्रतिभाशाली शख्स को दो बार अपनी प्राथमिक विद्यालय परीक्षा और तीन बार मिडिल स्कूल में विफल होना पड़ा था।  लेकिन यह उनकी विफलताओं का अंत नहीं था। हाई स्कूल की शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए आवेदन किया था लेकिन फिर से प्रवेश परीक्षा में विफल हो गए। 
हालांकि, वह सफलतापूर्वक अंग्रेजी में स्नातक की डिग्री हासिल की। 1988 में स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद उन्होंने 30 विभिन्न नौकरियों के लिए आवेदन किया है और उनमें से सभी ने खारिज कर दिया है। बहुत संघर्ष के बाद, वह अंत में एक स्थानीय विश्वविद्यालय में 800 प्रति महीने की मामूली तनख्वाह पर नौकरी कर ली। जैक मा का अंग्रेजी अनुवाद करने में अच्छी पकड़ थी और एक अनुवादक के रूप में साल 1995 में उन्हें अमेरिका की यात्रा करने का मौका मिला और वहां उनकी मुलाकात इंटरनेट नाम की एक अनोखी चीज़ से हुई। एक व्यापक अनुसंधान के बाद जैक मा को एहसास हुआ कि इंटरनेट के माध्यम से बहुत कुछ दुनिया के सामने पेश की जा सकती है अप्रैल 1995 में, उन्होंने अपनी पत्नी के साथ मिलकर अपनी पहली कंपनी शुरू की। छोटी कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाने का काम उन्होंने 20,000 डॉलर में शुरू किया। सिर्फ तीन साल के भीतर, वह 800,000 डॉलर का लाभ कमाने में सफल रहे। यह उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। शुरुआती सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने अन्य क्षेत्रों में कारोबार का विस्तार करने का निर्णय लिया और इस तरह अलीबाबा समूह का जन्म हुआ
अलीबाबा समूह चीन की पहली B2B कंपनी है जो दुनिया की सबसे बड़ी इ-कॉमर्स वेबसाइट है। आंकड़ें की सुनें तो प्रतिदिन 100 मिलियन से ज्यादा लोग यहाँ खरीददारी करते हैं। इतना ही नहीं यह कंपनी दुनिया भर के 190 कंपनियों से साथ भी जुड़ी हुई है। यही नहीं, चीन में ट्विटर जैसी सोशल मीडिया सिना वाइबो में भी इस कंपनी की बड़ी हिस्सेदारी है, इसके साथ ही यूट्यूब जैसी वीडियो शेयरिंग चीनी वेबसाइट में भी इसकी अहम हिस्सेदारी है. ये कंपनियां मार्केटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और लोजिस्ट सेवाएं देती हैं। भारत में भी मशहूर मोबाइल ब्राउज़र यूसी भी अलीबाबा का ही उत्पाद है। टाइम मैगज़ीन द्वारा जैक मा को विश्व के “100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों” की सूची में रखा गया और वे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
अलीबाबा कंपनी जिसकी शुरुआत महज़ 18 लोग काम शुरू कर किये थे और आज यह करीब 22 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया करा रही।

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