4 जनवरी 2017

मंदिर और भूकंप

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मेरा भारत महान

आज ऊँची ऊँची इमारते बनाने से पहले इस बात का ख्याल रखा जाता है कि वो भूकंप का सामना कर पाएंगी या नहीं।  लेकिन हिमालय के एक मंदिर  के सामने जैसे कुदरत भी हाथ जोड़कर खड़ी हो जाती है । 1000 साल से चंबा का यह मंदिर चमत्कार बना हुआ है। 1000 सालों में कई भूकंप आये, कई बार बदल फटे.....

                          

 पहाड़ पर कई बार कुदरत का कहर टूटा, लेकिन हर बार कुदरत ने इस मंदिर के देवता के सामने शीश झुका दिया ।  स्थानीय मौसम को ध्यान मे रखते हुए इस मंदिर मे लकड़ी के इस्तेमाल से तोरण द्वार और शिखर बनवाए गए हैं। मंदिर की खासियत है कि यह एक तरफ झुका हुआ है। 1000 सालों में कोई जलसेलाब इस मंदिर की नींव को हिला नहीं सका है। चंबा का ये भव्य मंदिर दसवी सताब्दी में बनाया गया था। ये मंदिर है लक्ष्मीनारायण मंदिर।  इसको राजा साहिल बर्मन ने बनवाया था। राजा साहिल ने अपनी बेटी चंपा के नाम से चंबा शहर बसाया । उनके द्वारा यह मंदिर एक नागा साधू के कहने पर बनवाया गया था। यह मंदिर राबी नदी के किनारे 996 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय की चंबा पहाड़ी पर स्थित है। जो इस मंदिर की शरण में आता है प्राकृतिक आपदा के समय सुरक्षित रहता है। 












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