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दुनिया में सबकी पसंद के हिसाब से सबके खाने की इच्छा भी अलग होती हैं। किसी को शाकाहारी खाना पसंद है, तो कोई माँसाहार खाना पसंद करता है। ये बताने की ज़रूरत नहीं कि सभी के परिवेश के हिसाब से उनकी खाने की पसंद-नापंसद तय होती है। लेकिन ऐसी क्या वजह है कि दुनिया में सभी शाकाहारी लोग, बाकि मांसाहारियों को 'अधार्मिक' और 'ग़लत' समझते हैं, सिर्फ़ इसलिए क्योंकि उनकी खाने की पसंद 'मांस' है? अपने देश में अधिकतर लोगों को ये लगता है कि माँसाहारी 'बुरे लोग होते हैं और शाकाहारी लोग अच्छे। लकिन दुनिया मे कुछ ऐसे भी विवादास्पद लोग रहे हैं जो माँसाहारी न होकर शाकाहारी थे। उनमें से कुछ नाम है -
हिटलर:- लाखों Jews का नरसंहार करने वाले हिटलर के समर्थक ये कभी नहीं मानते कि वो एक शाकाहारी था, लेकिन सच्चाई ये है कि हिटलर किसी वजह से शाकाहारी बना था.।वजह थी गेली रूबल । वो वैसे तो रिश्ते में उसकी दूर की बेटी लगती थी, पर दोनों के बीच में अफेयर शुरू हुआ था। सब तरफ़ ये चर्चे आम थे कि हिटलर का उसकी भांजी से ही रोमांस चल रहा है। दोनों दो साल तक साथ रहे, जब उनकी लाइफ़ में किसी लड़की ऐवा ब्रॉउन की एंट्री हुई. तब उसकी अपनी भांजी के बीच काफ़ी बहस हुई। कहते हैं कि हिटलर गेली के ऊपर खूब चिल्लाता था। एक दिन दोनों के बीच इस बात पर लड़ाई हुई कि गेली थोड़े टाइम के लिए अकेले वेनिस में बिताना चाहती है। लेकिन हिटलर ने साफ़ मना कर दिया। वो गुस्से में घर से ये बोलता हुआ निकला कि मे 'आखरी बार बोल रहां हूं कि तुमको नहीं' जाना है। उसके कुछ ही देर में मैं गेली ने गोली मार कर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से ही हिटलर ने मांस का त्याग कर दिया और तब से वो शाकाहारी बन गया था। क्योंकि उसको मीट गेली के शरीर का हिस्सा लगता था।
चंगेज़ खान:- दुनिया के सबसे बड़े खतरनाक हत्यारों मे से एक चेंगेज़ खान ने छोटी उम्र में ही अपने 13 साल के भाई, बख्तर का क़त्ल कर दिया था। माना जाता है कि उसने अपने बेटे जोची को भी मार डाला था। लेकिन वो शाकाहारी था, तो कई लोग उसे ग़लत नहीं मानेंगे. इतिहास में सबसे बड़े हत्यारे के रूप में कुख्यात, चेंगेज़ खान ने एक घंटे में सत्रह लाख अड़तालीस हज़ार लोगों को मरवा डाला था। शाकाहारी होने पर भी कोई उसको अच्छा नही कह सकता, हाँ इतना जरूर था वह जानवरों की हत्या को सही नही मानता था। शाकाहारी होने के बाद भी वो वो हत्यारा भी था और बलात्कारी भी। एशिया की कुल जनसख्या में से आठ प्रतिशत लोगों में उसके जीन्स बताये जाते है।
पोल पॉट:- अपने जीवन में दो करोड़ लोगों को मारने वाला पोल पॉट एक शाकाहारी था। कंबोडिया के इस हत्यारे ने पैसे कमाने के लिए रबर प्लांट्स में कई लोगों को जबरन गुलाम बना कर काम करवाया। इन पैसों से उसने गुंडों की एक पार्टी भी बनायी। जिसने 1975 में वहां की राजधानी पर कब्ज़ा कर लिया। सरकार बनायी और कम्बोडिया का नाम बदलकर डेमोक्रेटिक कम्पुचेया कर दिया। कम्बोडिया की राजधानी में उस समय कई रिफ्यूजी रहते थे, लेकिन इसकी सरकार ने एक ही झटके ने इन सबको को बॉर्डर के बाहर निकाल दिया, बिना ये सोचे कि कितनी इंसानी जिंदगियां इसकी वजह से बर्बाद हो जाएंगी। उसने कई सरकारी अफ़सरों को मरवा डाला। कंबोडिया की आठ करोड़ जनसंख्या में, उसने दो करोड़ लोगों को मरवा डाला। इसकी सरकार ने लोगों को जबरन घर से बाहर निकलवा कर उन्हीं से उनकी कब्र खुदवाई, फिर उन्हें डंडों से पीट कर मारा जाता था और उसी कब्र में डाला जाता. था । पोल पॉट के गुंडे कहते थे कि जब कब्र हैं, तो गोलियां क्यों बर्बाद करनी?
चार्ल्स मैनसन :- 1934 में एक ऐसे आदमी का जन्म हुआ, जिसका नाम था चार्ल्स मैनसन। ये आदमी ख़ुद को वीगन और एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट कहा करता था। यह कहता था कि दुनिया एक दिन ख़त्म हो जाएगी और (इसाई मान्यताओं के अनुसार) जीसस क्राइस्ट फिर से वापस आएंगे। इस सोच से उसने उसने कई लोगों को अपना भक्त बना लिया था। लोग उसे भगवान मानते थे और उसके कहे अनुसार ख़ुद की ज़िन्दगी ख़ुशी-ख़ुशी ख़त्म कर लेते थे। चार्ल्स और उसके इस सनकी ग्रुप को द फॅमिली के नाम से बुलाया जाने लगा। बाद में इन लोगों ने प्रकृति और धरती को बचाने के नाम पर ऐसे क़त्ल किये कि पूरी दुनिया दहल गयी।
इन सभी लोगों की कहानी बताने का मकसद किसी ख़ास फ़ूड चॉइस को अपनाने वाले लोगों पर कमेंट करने का इरादा नहीं, बल्कि बस ये बताना था कि इंसान क्या खाता है, इससे आप उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा नहीं लगा सकते। किसी की पहचान करने का तरीका उसका व्यवहार होता है।
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