प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की यात्रा का सबसे बड़ा लाभ रक्षा उद्योग को मिलने वाला है। भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) पाने के करीब है। यह कामयाबी भविष्य में भारत को दुनिया में मिसाइल और अन्य घातक हथियारों के सबसे बड़े खरीदार से विक्रेता की श्रेणी में लाकर खड़ा करेगी। इससे भारत मिसाइल बेचकर अरबों रुपये कमाएगा।
ब्रह्मोस लिखेगी कामयाबी की इबारत
भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से तैयार दुनिया की सबसे तेज गति की ब्रह्मोस मिसाइल की रेंज भारत ने जानबूझकर 300 किलोमीटर से कम रखी (290 किमी) रखी, ताकि 34 सदस्यों वाले एमटीसीआर के नियमों का उल्लंघन न हो। सितंबर में एमटीसीआर की सदस्यता मिलते ही भारत इसकी रेंज बढ़ा सकता है। दूसरे देशों को यह मिसाइल बेचने में भी तब कोई दिक्कत नहीं होगी।
सबसे तेज मिसाइल
- 03 गुना ज्यादा तेज ध्वनि की गति से ब्रह्मोस मिसाइल
- 15 देश मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल पाने की कतार में
- 05 देशों को (वियतनाम सहित) बिक्री के लिए तैयारी तेज
- 30 लाख डॉलर की कम कीमत में तैयार होती है ब्रह्मोस
- द. अफ्रीका, चिली, ब्राजील और इंडोनेशिया भी खरीदार
चीन विरोधी वियतनाम 2011 से ब्रह्मोस पाने में जुटा
दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर चीन से नाराज वियतनाम ने 2011 में ही भारत को ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए अनुरोध किया था। हवा, पानी और जमीन से मार कर सकने वाली मिसाइल पाने के लिए दक्षिण पूर्व एशिया के देश फिलीपींस और मलेशिया भी लालायित हैं। इससे दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में सामरिक संतुलन बिगड़ सकता है और इससे चीन भड़क सकता है।
अंतरिक्ष का भी बड़ा खिलाड़ी होगा भारत
अमेरिका ने दक्षिण कोरिया में एमटीसीआर की सितंबर में तय बैठक से पहले ही भारत को इसमें शामिल करने की तैयारी है, ताकि एनएसजी का सदस्य बनने में मदद मिले। इससे भारत मिसाइल, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी उच्चस्तरीय तकनीक हासिल हो सकेगी। कम लागत में सैटेलाइट, मंगलयान और नेवीगेशन सिस्टम तैयार कर भारत ताकत पहले ही दिखा चुका है।
आतंकवाद पर पाक की घेराबंदी
1. अफगानिस्तान
- ईरान के चाबहार बंदरगाह के जरिये भारत अफगान बाजार में पहुंचेगा
- 1700 करोड़ के मैत्री बांध ने अफगानिस्तान में भारत की उजली छवि मजबूत की
- पड़ोसी मुल्क से प्रायोजित आतंकवाद से लड़ने का दोनों देशों ने संकल्प लिया
2. कतर
- आतंकवाद और धन शोधन रोकथाम पर कतर से करार हुआ
- 300 अरब डॉलर के रिजर्व फंड वाला कतर भारत में निवेश बढ़ाएगा
- 6.3 लाख प्रवासी भारतीयों की दिक्कतें दूर करने का भरोसा दिया कतर ने
3. स्विट्जरलैंड
- एनएसजी के लिए स्विट्जरलैंड ने भारत को बिना शर्त समर्थन दिया
- काले धन पर समय पूर्व सूचना के आदान-प्रदान पर राजी हुआ स्विट्जरलैंड
- भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता आगे बढ़ेगी
4. अमेरिका
- आतंकवाद पर पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की रणनीति मजबूत हुई
- एनएसजी समेत हथियार नियंत्रण के चार क्लबों में भारत को समर्थन मिला
- आंध्र में छह परमाणु रिएक्टरों का काम शुरू करेगी वेस्टिंगहाउस कंपनी
5. मैक्सिको
- परमाणु अप्रसार विरोधी मैक्सिको ने एनएसजी के लिए भारत को समर्थन दिया
- मैक्सिको ने उसकी ऊर्जा कंपनियों में निवेश-हिस्सेदारी को सहमति दी
- विशेषाधिकार से रणनीतिक साझेदारी बदलेंगे रिश्ते, आतंकवाद पर कड़ा प्रहार
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