22 दिसंबर 2016

दर्शन देते हैं भगवान राम

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मेरा भारत महान

भगवान राम के साक्षात् दर्शन कराने वाले इस मंदिर का नाम “राजा राम मंदिर” है, यह मंदिर मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ नामक स्थान के ओरछा नाम की जगह पर स्थित है, जानकरी के लिए बता दें कि ओरछा नामक यह स्थान एक धर्मनगरी के रूप में भी प्रसिद्ध है। यह मंदिर एक प्राचीन मंदिर है और यह उस महाकवि और संत तुलसीदास के समकालीन ही बना हुआ है। इस मंदिर निर्माण से जुड़ी एक अत्यंत प्राचीन घटना है। यह घटना उस समय के स्थान के राजा मधुरक शाह और उनकी रानी गणेश कुंवर से जुड़ी हुई है। महारानी गणेश कुंवर एक रामभक्त महिला थी और उन्होंने अयोध्या की सरयू नदी के किनारे एक कुटिया बना कर कुछ समय तपस्या की थी। उस समय संत तुलसीदास भी जीवित थे और उन्होंने रानी को आशिर्वाद भी दिया था। रानी को काफी समय तप करने के बाद भी भगवान राम के दर्शन नहीं हुए तो उन्होंने सरयू नदी में जल समाधि लेने का निश्चय किया और जल समाधी के लिए सरयू में कूद गई। पर उस समय सरयू की ही अटल गहराइयों में रानी गणेश कुंवर को भगवान राम ने दर्शन दिए। उस समय रानी ने भगवान को अपने साथ मध्य प्रदेश में ही रहने के लिए प्रार्थना की और उनकी प्रार्थना स्वीकार कर भगवान राम ने उनको ओरछा में साक्षात् सैदव रहने का वचन दिया था। इसके बाद में ही रानी ने ओरछा में “राजा राम मंदिर” का निर्माण करा, वहां श्रीराम की प्रतिष्ठा कराई और उस समय से ही इस मंदिर में भगवान राम सैदव प्रतिष्ठित हैं। यहां बहुत से भक्त लोग आज भी भगवान राम के दर्शन कर अपने जीवन को कृतार्थ करते हैं।

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