3 दिसंबर 2016

कैसे छपते हैं नोट

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मेरा भारत महान
हमें तो हमेशा से पैसों कि कीमत मालूम है। हम जानते हैं कि पैसा हमारे जीवन में कितना मायने रखता है। इस सबके बीच नोटंबदी ने हमें नोट और पैसों की कीमत और अच्छे से समझा दी। इतने दिनों बाद भी लोगों की जेबों तक नोट नहीं पहुंच पाए हैं। नए नोटों की छपाई का काम तेजी से चल रहा है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि हम नोट भले ही कागज का टुकड़ा कहते हो लेकिन वह कपड़े से बनता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि एक नोट का प्रिंटिंग प्रेस से आपकी पर्स तक का सफर कैसा होता है। देश में नोट प्रिंटिंग के लिए कुल 4 प्रेस हैं। दो नासिक और देवास में हैं जो सरकार के कंट्रोल में हैं जबकि मैसूर और कोलकाता के पास मिदनापुर वाली प्रिटिंग प्रेस पर भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड का नियंत्रण है। भारतीय नोटों को छापने के लिए पेपर नहीं बल्कि कॉटन का इस्तेमाल होता है जिसका निर्माण महाराष्ट्र के करंसी नोट प्रेस (CNP) और एमपी के होशंगाबाद पेपर मिल में होता है। कुछ पेपर को विदेशों से भी इम्पोर्ट किया जाता है। नोट को बनाने के लिए खास इंक का इस्तेमाल होता है। जिसे ऑफसेट इंक कहते हैं।


नोट कि छपाई के लिए पेपर शीट को सायमंटन नाम कि खास मशीन में डाला जाता है। इंक के लिए दूसरी मशीन होती है। शीट पर नोट छपने के बाद खराब नोटों की छंटनी कि जाती है। एक शीट में करीब 32 से 48 नोट छपते हैं जिसमें यूनिक कोड से नंबर डाले जाते हैं इसके पश्तात नोटों के बंडलों को पैक करके रिजर्व बैंक तक पहुंचाया जाता है। 

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