भारत का गौरवपूर्ण इतिहास हमेशा से ही सम्पूर्ण जगत मे सबसे सुंदर और विचित्र और सच्ची घटनाओ से भरा पड़ा है। भूतकाल ने इस देश और विदेश की कुछ सुंदर विरासतों को बड़े त्याग और निस्वार्थ भाव से सहेज़ के रखा हुआ है।, और जब हम थोडा पीछे मुड कर देखते है तो आँखों से सहसा अश्रु धारा छलक पड़ती है.तो इसी कड़ी में हम आज आपको बता रहे है एक ऐसे इन्सान की सच्ची कहानी जिसने न केवल अपने गाँव के लोगो के दुःख दूर किये वरन अपने अदम्य साहस से रेगिस्तान में ही पानी से भरा तालाब बना डाला और जाते-जाते समाज को निस्वार्थ सेवा, प्रेम तथा अदम्य इक्छाशक्ति की एक ऐसी मिसाल दे गया जो कई सदियों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी। कहते है दृढ़ संकल्प, पुरुषार्थ और लगन से इंसान असंभव को भी संभव कर देता है। यह
कहानी है एक चरवाहे ‘मेघा’ की है जिसने केवल अपने ही दम पर आज से500 साल पूर्व राजस्थान के थार के रेगिस्तान में एक तालाब बना दिया था जो की आज भी जीवित होकर उनके नाम को अमरत्व प्रदान कर रहा है। इस तालाब की नाम है मेघासर तालाब यह तालाब बर्ड्स वाचिंग पॉइंट के रूप से दुनिया मे प्रसिद्ध है। और दुनिया मे अपनी तरह के तालाबों मे जाना जाता है।
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