11 जुलाई 2016

टूटी सहनशीलता की सीमा, सभी सुन्नी आतंकवादियों की मोत की सज़ा का ऐलान।



इराक़ की राजधानी बगदाद मे अब तक के हुए सबसे बड़े आतंकवादी हमले के बाद पुरे देश के लोगों मे शोक और आक्रोश की लहर है।  हमला इतना बड़ा था क़ि प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय शोक घोसित करना पड़ा।प्रधानमंत्री ने आदेश दिया इराक की जेल मे जितने भी आतंकवादी है उनको मौत के घाट उतार दिया जाये। इन हमलों मे 215 लोग मारे जा चुके है और इससे ज्यादा घायल है जो जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे है।यह घटना अब तक इराक मे किशी भी घटना मे मारे गए नागरिकों मे सबसे बड़ी घटना है। यह हमला आतंकवादियों द्वारा तब किया गया जब ज़्यादातर लोग ईद की खरीददारी कर रहे थे। प्रधानमंत्री जब घटनास्थल के दौरे पर थे तो घटना से नाराज लोगों ने उनके काफिले पर जूते, चप्पल, पत्थर, खाली बोतलें तक फैंक दी और मांग की कि नागरिकों की सुरक्षा भी अपने अभेद्य काफिले की तरह बड़ाई जाये। प्रधानमंत्री ने बगदाद मे सुरक्षा के व्यापक  बदलाव लाने के आदेश दिए। यहां यह जानना जरूरी है कि तकरीबन एक सप्ताह पूर्व ही इराकी सेना ने बगदाद से 50 किलोमीटर दूर फालूजा सहर को आई एस आई एस से मुक्त कराया था।यह इराक मे जेहादियों का मज़बूत गढ़ माना जाता था।

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