भड़काऊ धर्म संदेशों और विवादित बयानों को लेकर अचानक सुर्ख़ियों में आये मुस्लिम धर्म प्रचारक डॉ. जाकिर नाईक के विडियो सोशल मीडिया आजकल खूब वायरल हो रहे हैं । सरकार से लेकर आम आदमी तक हर कोई जाकिर के विवादित बयानों पर बहस कर रहा है ।52 साल के इस शख्स का नाम बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले से जुडऩे के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में हैं। ऐसे में इस व्यक्ति के बारे में पूरी हकीकत जानना बेहद ज़रूरी है ।आप भी पढ़िए इस शख्स की पूरी कहानी
कौन है जाकिर
नाईक का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ, मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जाकिर ने 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की। वैसे तो जाकिर ने मुंबई के टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल चैरिटेबल हॉस्पिटल से लोगों की जिंदगी बचाने वाले पेशे यानी डॉक्टरी (एमबीबीएस) की पढ़ाई की है लेकिन उसके बाद उसने ऐसे रास्ते को चुना जिसकी वजह से समय समय पर सिर्फ खून ही बहता रहा और वो शैतान यह सब देख कर सकून की सांसें लेता रहा।
मुस्लिम उपदेशक कैसे बना
जाकिर ने एमबीबीएस के आखिरी साल की पढ़ाई के दौरान दक्षिण अफ्रीका के इस्लामिक उपदेशक अहमद दीदत का लेक्चर सुना, इन उपदेशों से प्रेरित होकर ही वह मुस्लिम उपदेशक बना।
दुनिया भर में दिए भाषण
दुनिया भर में बड़ी-बड़ी सभाओं में जाकिर नाईक अपने भाषण दिए हैं । रिकॉर्ड के अनुसार जाकिर ने पिछले 20 सालों में 30 से ज्यादा देशों में 2000 से भी ज्यादा सभाएं की हैं। जाकिर की सभाओं में खासी भीड़ जुटती है और दुनिया भर में उनकी पहचान इस्लामिक धर्मगुरु की है । उनका दावा है कि उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों को पढ़ रखा है लेकिन, अपने बयानों की वजह से वो हमेशा विवादों में रहे हैं।
जाकिर के विवादित बोल
- मुस्लिमों को अल्लाह के सिवा किसी और से मदद नहीं लेनी चाहिए। इस्लामिक स्टेट भी इसी तरह के तर्कों का इस्तेमाल कर रहा है।
- मुस्लिमों को अपनी महिला गुलामों के साथ शारीरिक संबंध बनाने का पूरा अधिकार है।
- मुस्लिमों में पत्नियों की पिटाई बुरी बात नहीं है। शारीरिक संबंध के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल इंसान की हत्या के समान है।
- शरिया कानून के मुताबिक विवाहेतर संबंध के मामले में पत्थर बरसाकर मौत देना सही है।
- सभी धर्मों से ऊपर है इस्लाम। इस्लामी देशों में गैर-मुस्लिमों के लिए धार्मिक स्थल नहीं बनने चाहिए।
- सानिया मिर्जा को खेलते समय गरिमामय कपड़े पहनने चाहिए। भारत में ‘बीच वॉलिबॉल’ पर बैन लगया जान चाहिए।
- लड़कियों को ऐसे स्कूलों में नहीं भेजा जाना चाहिए, जहां वह अपनी वर्जिनिटी खो दें। महिलाओं को सोने के गहने पहनने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
- पश्चिम के देश महिलाओं की आजादी के नाम पर अपनी मां-बेटियों को बेच रहे हैं।
- कुरान के मुताबिक समलैंगिकों को मार देना चाहिए।
- ओसामा ने इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई करके सही किया।
- सारे मुसलमानों को आतंकवादी होना चाहिए, आतंकवादी मतलब जो भय फैलाए।
इन विवादों से जुड़ा नाम
- 8 जुलाई को जम्मू में सेना और स्थानीय पुलिस की संयुक्त करवाई में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान मुजफ्फर वानी को मार गिराया गया था| बुरहान के भी तार जाकिर नाईक से जुड़े होने के संकेत मिले हैं।
- बांग्लादेश में एक जुलाई को ढाका के होली आर्टिसन बेकरी हमले में 20 लोगों की हत्या करने वाले आतंकी नाइक के उपदेशों से प्रभावित थे, इस वजह से जाकिर पर भारत सरकार सख्त हो गयी है।
- 2009 में न्यूयॉर्क के सबवे में फिदायीन हमले की साजिश रखने के आरोप में गिरफ्तार नजीबुल्ला जाजी के दोस्तों ने बताया कि वो काफी वक्त तक डॉ. नाईक की तकरीरों को टीवी पर देखता था।
- 2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपी राहिल शेख भी डॉ. नाईक से प्रभावित था।
- 2007 में बैंगलोर का एक शख्स कफील अहमद ग्लासगो एयरपोर्ट को उड़ाने की कोशिश करते हुए घायल हो गया था। जांच में पता चला कि जिन लोगों की बातों से वो प्रभावित था उनमें से डॉ.जाकिर नाईक भी था।
अंग्रेजी में देता है भाषण
कोट-पैंट पहने जाकिर नाईक जब अपना मुंह खोलता है तो जहर निकालता है। जाकिर नाईक की अंग्रेजी पर खासी पकड़ है वह विदेशों में जाकर अंग्रेजी में ही भाषण देता है और युवाओं का माइंड वॉश करता है। वो सूट पहनकर कुरान की आयतें पढ़ता है।
10 लाख लोगों को जुटाने का रिकार्ड
जाकिर नाईक की सभाओं में काफी भीड़ देखने को मिलती है। धर्मगुरू होने की वजह से भारी मात्र में मुस्लिम लोग उसे सुनने के लिए पहुंचते हैं। जाकिर के नाम पर किशनगंज में एक सभा में अब तक सबसे ज्यादा दस लाख लोगों को जुटाने का रिकार्ड है। खुद जाकिर का दावा है कि पूरी दुनिया में अबतक किसी भी धर्मगुरू की सभा में इतनी भीड़ नहीं उमड़ी है।
कई देशों में है बैन
विवादित भाषणों के चलते जाकिर नाईक पर कनाडा, मलेशिया और ब्रिटेन ने बैन लगा रखा है। जाकिर न तो इन देशों में जा सकते हैं और न ही यहाँ उनकी स्पीच सुनाई जा सकती है।
भारत में उठी बैन की मांग
विवादित इस्लामिक विचारक जाकिर नाइक पर केंद्र सरकार सख्त एक्शन ले सकती है खबरों के मुताबिक जाकिर नाइक के विचारों से ढाका हमले में मारे गए आतंकी प्रभावित थे। इस मामले में केंद्र सरकार ने संकेत दिया कि वह मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रही है।
‘पीस टीवी’ के नाम से है चैनल
जाकिर नाईक की संस्था ‘पीस टीवी’ नाम का चैनल चलाती है। 100 से ज्यादा देशों में प्रसारित होने वाले इस चैनल में दर्शकों की संख्या भी 100 करोड़ बताई जाती है। बांग्लादेश में भी जाकिर नाईक का टीवी चैनल काफी मशहूर है।
सोशल मीडिया में हैं लाखों फॉलोवर्स
ट्विटर पर जाकिर नाईक के लाखों की संख्या में फॉलोवर्स हैं, आंकड़ों की बात करें तो अकेले ट्विटर पर ही इनके लगभग एक लाख दस हज़ार फॉलोवर हैं जबकि इनके फेसबुक पेज को एक लगभग डेढ़ करोड़ लोगों ने लाइक किया है।
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