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मेरा भारत महान
मेरा भारत महान
कभी हम शिकवा करते हैं, कभी शिकायतें करते हैं, कभी रूठ जाते हैं, कभी मान जाते हैं, कभी हंसते हैं, कभी रोते हैं और ना जाने अपनी जिंदगी में क्या क्या करते हैं। फिर भी हम जिंदगी से खफा रहते हैं। बहुत कुछ पाने की होड़ में जो कुछ हमारे पास होता है हम उसे भी खो बैठते हैं। हम खुद को तो संभाल नहीं सकते, तो फिर इतना कुछ कैसे संभालेंगे। भगवान ने भी क्या सोच के इंसान को बनाया था। इंसान तो बन गए लेकिन इंसानियत क्या होती है, यह हम अभी सीखने मे ही हैं। हर पल कुछ ना कुछ बेकार में सोच के अपने आपको परेशान करते रहते हैं। चैन से बैठकर कभी आराम भी नहीं कर सकते। कितना भागेंगे हम?
हम शिकायत क्यों करते हैं, क्योंकि हमें कुछ अच्छा नहीं लगता। हम शिकवा क्यों करते हैं, क्योंकि हमें कोई अच्छा लगता है। कोई हमें देखकर हमसे नज़र चुरा ले , तो हम पर कयामत टूट पड़ती है। आप इतना कुछ दुनिया के लिए करते है और दुनिया आपसे ऐसे बेरुखी से पेश आए तो दुःख तो आपको होगा ही। फिर मन को तसल्ली देने के लिए क्या-क्या सोचना पड़ता है ताकि मन शांत हो जाए। हम अपनी शक्सियत को तो बेहतर बना सकते हैं, लेकिन किसी और को कैसे बदल सकते हैं? इंसान प्यार का भूखा होता है और अक्सर प्यार में ही धोखा खाता है।
जब से दुनिया बनी है और जब तक यह दुनिया रहेगी, हम शिकवा और शिकायतें करते ही रहेंगे। इसके बिना हमारा गुजारा ही नहीं। अकेले रहकर भी हम सिर्फ दीवारों से ही लड़ सकते हैं। कोई हमारे साथ जुड़ा हुआ है तो हम उससे नोकझोंक कर सकते हैं और जिंदगी को सुरमई बना सकते हैं। कल किसने देखा है, आज को अपना साथी बनाए रखिए।
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