जनगणना विभाग के मुताबिक़ नॉन केटेगरी वर्कर्स में उन लोगों को रखा जाता है जिनका देश की अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में कोई योगदान नहीं होता, जो लोग या तो घर बैठे काम करते हैं या फिर कोई काम करते ही नही हैं, इसके अंतर्गत बेरोजगार और अशिक्षित लोग भी आते हैं। नॉन वर्कर्स केटेगरी में दुसरे नंबर पर जैन धर्म के लोग आते हैं जैन धर्म के 29 लाख लोग नॉन वर्कर्स केटेगरी में आते हैं जैन के बाद तीसरे नंबर पर सिख, उनके बाद हिंदू और फिर ईसाईयों का नंबर आता है।
यह आंकड़ा हर वर्ष लगातार बढ़ता ही जा रहा है जो की एक चिंता का विषय है।
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