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bcpantblog.blogspot.in/ मेरा भारत महान
अपनी विचित्र परंपराओं लोकतांत्रिक व्यवस्था के कारण पहचाने जाने वाले इस गांव में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं। इनके रुकने की व्यवस्था इस गांव में नहीं है। पर्यटक गांव के बाहर टेंट में रहते हैं। अगर इस गांव में किसी ने मकान-दुकान या यहां के किसी निवासी को छू (टच) लिया तो यहां के लोग उस व्यक्ति से एक हजार रुपए वसूलते हैं। मलाणा गांव में कुछ दुकानें भी हैं। इन पर गांव के लोग तो आसानी से सामान खरीद सकते हैं, पर बाहरी लोग दुकान में न जा सकते हैं न दुकान छू सकते हैं। बाहरी ग्राहकों के दुकान के बाहर से ही खड़े होकर सामान मांगना पड़ता है। दुकानदार पहले सामान की कीमत बताते हैं। रुपए दुकान के बाहर रखवाने के बाद सामन भी बाहर रख देते हैं।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के अति दुर्गम इलाके में स्तिथ है मलाणा गाँव। इसे आप भारत का सबसे रहस्यमयी गाँव कह सकते है। मलाणा के निवासी खुद को सिकंदर के सैनिकों का वंशज मानते है। यहां पर भारतीय क़ानून नहीं चलते है यहाँ की अपनी संसद है जो सारे फैसले करती है। मलाणा भारत का इकलौता गांंव है जहाँ मुग़ल सम्राट अकबर की पूजा की जाती है।
कुल्लू के मलाणा गांव में यदि किसी बाहरी व्यक्ति ने किसी चीज़ को छुआ तो जुर्माना देना पड़ता है। जुर्माने की रकम 1000 रुपए से 2500 रुपए तक कुछ भी हो सकती है।
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