14 अक्टूबर 2016

तीन तलाक पर कोसने वाले को सबक

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आजकल पूरे देश में मुस्लिम महिलाओ की मांग पर तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाओ पर बहस चल रही है।  इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है  और माननीय सर्वोच्च् न्यायालय खुद भी चाहता है कि देश मे सभी जाति व् धर्म् के लोगों के लिए एक समान क़ानून हो। इस बात पर कुछ मुस्लिम , ख़ास तोर पर मौलवी, बहुत नाराज़ हो गए है।  क्यूंकि  ये लोग यही चाहते है कि तीन तलाक और हलाला जैसी कुप्रथाए यूँ ही चलती रहे और मुस्लिम महिलाओ को उनकी बराबरी का हक न मिल सके । जबकि जानकार बताते है कि इस्लाम की पुस्तक कुरान मे इसका कोई जिक्र नही है कि तीन तलाक जरूरी है। इस बीच आगरा का 16 साल का अब्दुल भी इस मुद्दे से बहुत गुस्से मे था,  और अभिव्यक्ति की आज़ादी के तहत अपनी राय  से अवगत कराने के लिए  सोशल मीडिया  पर मोदी जी को बहुत कोस रहा था। मोदी जी के मुस्लिम महिलाओ के हित में फैसला लेने के लिए लिख रहा था।
"मोदी कौन होता है हमारे मजहब में दखल देने वाला और ये संघी कौन होते है शरिया में दखल देने वाले" 
शरिया के अनुसार तीन तलाक और हलाला का जो भी सिस्टम चल रहा है वो वैसा ही चलेगा मोदी कौन होता है इसे रोकने वाला ? और कोर्ट की ऐसी की तैसी । हम उनका कोई भी काला कानून नही मानेंगे। 
इस तरह की पोस्ट लिखकर अब्दुल अभी पोस्ट करने ही वाला था कि इतने में उसकी माँ रोते हुए आई उसने माँ से रोने का कारण पूछा तो उसने बोला तुझे तो खबर भी नही तेरे जीजा जी ने तेरी दीदी को तलाक देकर घर से निकाल दिया है और जब अब्दुल ने इसकी वजह पूछी तो माँ ने बताया की खाने में नमक ज्यादा हो गया था…अब्दुल की माँ ने कहा तेरे जीजा जी ने तेरी दीदी को तीन बार तलाक तलाक कहकर घर से निकाल दिया अब वो सड़क पर पड़ी हुई है और तेरे अब्बू ( पिता ) भी दूसरी शादी की बात कर रहे है 
इस सबको पढ़कर आपका क्या विचार है अब्दुल अपनी मोदी वाली पोस्ट को submit करेगा या फिर उसे delete कर देगा?

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