2 अक्टूबर 2016

दोस्ती सात हज़ार किलोमीटर की।

ca-pub-6689247369064277


कुछ अहसान फरामोश लोगों को यदि छोड़ दें तो जिंदगी मे एक बार  यदि आपकी कोई जान बचा ले, तो कुछ लोग उसका अहसान जिंदगी भर नही भुला पाते है। ऐसी सोच इंसानो मे ही नहीँ, जानवरो मे भी होती है। आपको यकीन आये चाहे न आये, लेकिन एक पेंग्विन ऐसी है जो अपने दोस्त, जिसने उसकी एक बार जान बचाई थी, से मिलने साल मे एक बार साड़े सात हज़ार किलोमीटर का सफर करके जाती है, जिसने 2011 मे उसकी जान बचाई थी।  

हुआ ये था कि आज से पांच वर्ष पहले ब्राज़ील के एक मछुवारे जोया पेरिरा को यह पेंग्विन समुन्द्र के किनारे पड़ी दिखी, गौर से देखने पर जोया ने पाया कि यह अभी मरी नही है, कुछ जान बाकी है। पेंग्विन के  बहुत कमजोर होने पर उन्होंने अपने अनुभव से उसकी देखभाल की, और उसको बचा लिया। तब से यह पेंग्विन जोया का अहसान नही भूली हैI  इन्सान और जानवर के बीच यह दोस्ती  आपसी प्यार और व्यवहार की एक मिसाल है। जिसने भी इस किस्से को सूना है उसने दांतो तले ऊँगली दबाई है। जब भी यह पेंग्विन अपने दोस्त जोया से मिलने आती है, जोया बताते है कि उनको पहले ही पता चल जाता है और वो भी उससे मिलने चले आते है।

कोई टिप्पणी नहीं: