25 अक्टूबर 2016

श्रीकृष्ण की नगरी द्वारिका समुन्दर मे।

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मेरा भारत महान



द्वापर युग मैं महाभारत युद्ध के ३६ साल के बाद श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका समुद्र में विलीन हो गई थी। हालांकि भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका के समुद्र में डूबने से पहले ही देह त्याग कर चुके थे। भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका के डूबने के २ प्रमूख कारण माने जाते हैं




पहला कारण:भगवान श्री कृष्ण को दिया गया माता गांधारी का श्राप, जिसमे कौरवों की माता गांधारी ने अपने पुत्रो की मृत्यु का कारण कृष्ण को मानते हुए श्राप दे दिया था कि जैसे तुम्हारी वजह से हमारे वंश का नाश हो गया , तेरी नगरी और तेरे लोगों का भी यही हस्र होगा।
दूसरा कारण: ऋषि मुनियों द्वारा भगवान श्री कृष्ण के पुत्र सांब को दिया श्राप। भगवान श्रीकृष्ण के देह त्याग के बाद अर्जुन द्वारिका आये और यदुवंश की समस्त स्त्रियों एवं द्वारिका वासियों को हस्तिनापुर ले चले। अर्जून एवं यदूवंशी स्त्रियों के द्वारिका से बाहर निकलते ही द्वारिका नगरी समुद्र में समा गयी।


द्वारिका नगरी के समुद्र में विलीन होने के कारणों का पता लगाने एवं भगवान श्री कृष्ण की इस नगरी को ढूढ़ने के लिए वैज्ञानिक कई सालों से लगे हुये थे. वैज्ञानिक इस से जुड़े सवालों के जवाब तलाशते रहे, और आखिरकार उन्हे इसके जवाब  मिल गये। वैज्ञानिकों को समुद्र में श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका के ऐसे अवशेष मिले हैं जिनसे द्वारिका के अस्तित्व और समुद्र मैं विलीन होने के कारणों का पता चलता है।

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