ca-pub-6689247369064277
 1.अगत्ती हवाई अड्डा, लक्षद्वीप हिन्द महासागर के बीचों बीच बसे द्वीप, अगत्ती में स्थापित यह हवाई अड्डा लगभग 4000 फ़ीट लंबा है। इस हवाई अड्डे में केवल एक ही यात्री टर्मिनल है। यहाँ सिर्फ दो एयरलाइन्स की सेवाएं उप्लब्ध हैं, पहला किंगफ़िशर और दूसरा इंडियन एयरलाइन्स। ये दोनों एयरलाइन्स सिर्फ अगत्ती और कोचीन के बीच उड़ानें संचालित करती हैं। पर किंगफ़िशर इसके साथ-साथ अगत्ती से बेंगलुरु के लिए भी उड़ाने संचालित करती है। अगत्ती सिर्फ 7 किलोमीटर ही लंबा द्वीप है जहाँ यह हवाई अड्डा स्थित है।
1.अगत्ती हवाई अड्डा, लक्षद्वीप हिन्द महासागर के बीचों बीच बसे द्वीप, अगत्ती में स्थापित यह हवाई अड्डा लगभग 4000 फ़ीट लंबा है। इस हवाई अड्डे में केवल एक ही यात्री टर्मिनल है। यहाँ सिर्फ दो एयरलाइन्स की सेवाएं उप्लब्ध हैं, पहला किंगफ़िशर और दूसरा इंडियन एयरलाइन्स। ये दोनों एयरलाइन्स सिर्फ अगत्ती और कोचीन के बीच उड़ानें संचालित करती हैं। पर किंगफ़िशर इसके साथ-साथ अगत्ती से बेंगलुरु के लिए भी उड़ाने संचालित करती है। अगत्ती सिर्फ 7 किलोमीटर ही लंबा द्वीप है जहाँ यह हवाई अड्डा स्थित है। 

2. कुशोक बकुला रिमपोचे हवाई अड्डा, लेह में स्थित यह हवाई अड्डा, दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थापित हवाई अड्डों में से एक है। समुद्री तल से इसकी ऊंचाई लगभग 3256 मीटर(10682 फ़ीट) है। इस हवाई अड्डे का नाम भारतीय राजनेता व बौद्ध भिक्षु,19 वें कुशोक बकुला रिनपोचे के नाम पर पड़ा है।
 3. लेंगपुई हवाई अड्डा, मिज़ोरम यह हवाई अड्डा वायु सेवा द्वारा कोलकाता और गुवाहाटी से और सप्ताह में तीन फ्लाइट द्वारा इम्फाल से जुड़ा हुआ है। मिज़ोरम की राजधानी आइज़ेल से यह 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेंगपुइ हवाई अड्डा भारत का प्रथम एवं सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार ने कराया था। इसके साथ ही यह पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह भारत के उन तीन हवाई अड्डों में से एक है जहाँ टेबल टॉप रनवे स्थित है, जो एक ऑप्टिकल इल्यूज़न पैदा करता है।
3. लेंगपुई हवाई अड्डा, मिज़ोरम यह हवाई अड्डा वायु सेवा द्वारा कोलकाता और गुवाहाटी से और सप्ताह में तीन फ्लाइट द्वारा इम्फाल से जुड़ा हुआ है। मिज़ोरम की राजधानी आइज़ेल से यह 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेंगपुइ हवाई अड्डा भारत का प्रथम एवं सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार ने कराया था। इसके साथ ही यह पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह भारत के उन तीन हवाई अड्डों में से एक है जहाँ टेबल टॉप रनवे स्थित है, जो एक ऑप्टिकल इल्यूज़न पैदा करता है। 
 4. जुब्बरहट्टी हवाई अड्डा, यह हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 22 किलोमीटर दूर, जब्बारहट्टी में स्थित है। इस हवाई अड्डे को पहाड़ के शीर्ष को काट कर बनाया गया है और इसके सिंगल रनवे को समतल क्षेत्र में परिवर्तित किया गया है। इसके एक छोटे एप्रन में दो छोटे विमानों को एक साथ पार्क करने की जगह है। इसका छोटा टर्मिनल उड़ान भरने के दौरान 50 व्यक्तियों को संभाल सकता है, पर उड़ान के प्रस्थान करने के दौरान सिर्फ 40 व्यक्तियों को संभाल सकता है ।
4. जुब्बरहट्टी हवाई अड्डा, यह हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 22 किलोमीटर दूर, जब्बारहट्टी में स्थित है। इस हवाई अड्डे को पहाड़ के शीर्ष को काट कर बनाया गया है और इसके सिंगल रनवे को समतल क्षेत्र में परिवर्तित किया गया है। इसके एक छोटे एप्रन में दो छोटे विमानों को एक साथ पार्क करने की जगह है। इसका छोटा टर्मिनल उड़ान भरने के दौरान 50 व्यक्तियों को संभाल सकता है, पर उड़ान के प्रस्थान करने के दौरान सिर्फ 40 व्यक्तियों को संभाल सकता है । 
मनुष्य ईस्वर की ऐसी रचना है जिसकी कल्पना शक्ति बहुत विस्तृत है जिस कारण वह जीवों मे श्रेष्ठ है। अपनी कल्पना शक्ति के द्वारा वह किसी भी अद्भुत रचना की खोज कर सकता है, उसे असतित्व में भी लाता है। कई ऐतिहासिक से लेकर आधुनिक रचनाएँ ऐसी हैं, जो अपने आप में अनोखी हैं। देखने मे अविश्वसनीय सी लगती है कि उनको मनुष्य ने निर्मित किया है । इन्हीं अद्भुत रचनाओं में से एक है हवाई जहाज़। यातयात को सरल और सुविधाजनक बनाने के लिए कई वाहन की खोज की गयी, जिनमें सबसे उन्नत खोज है वायुयान, हवाई जहाज़। कुछ ही पलों में दूर-दूर का सफर पल में तय हो जाता है। चलिए आज इन हवाई जहाजों से जुड़े भारत के 4 ऐसे अनोखे हवाई अड्डों, जो हवाई जहाज़ों के निर्माण के बाद सबसे ज़रूरी निर्माण स्थल थे।  ताकि हवाई जहाज़ों के रुकने और उड़ान भरने के लिये उपयुक्त  अड्डे निर्मित हो सके।
 1.अगत्ती हवाई अड्डा, लक्षद्वीप हिन्द महासागर के बीचों बीच बसे द्वीप, अगत्ती में स्थापित यह हवाई अड्डा लगभग 4000 फ़ीट लंबा है। इस हवाई अड्डे में केवल एक ही यात्री टर्मिनल है। यहाँ सिर्फ दो एयरलाइन्स की सेवाएं उप्लब्ध हैं, पहला किंगफ़िशर और दूसरा इंडियन एयरलाइन्स। ये दोनों एयरलाइन्स सिर्फ अगत्ती और कोचीन के बीच उड़ानें संचालित करती हैं। पर किंगफ़िशर इसके साथ-साथ अगत्ती से बेंगलुरु के लिए भी उड़ाने संचालित करती है। अगत्ती सिर्फ 7 किलोमीटर ही लंबा द्वीप है जहाँ यह हवाई अड्डा स्थित है।
1.अगत्ती हवाई अड्डा, लक्षद्वीप हिन्द महासागर के बीचों बीच बसे द्वीप, अगत्ती में स्थापित यह हवाई अड्डा लगभग 4000 फ़ीट लंबा है। इस हवाई अड्डे में केवल एक ही यात्री टर्मिनल है। यहाँ सिर्फ दो एयरलाइन्स की सेवाएं उप्लब्ध हैं, पहला किंगफ़िशर और दूसरा इंडियन एयरलाइन्स। ये दोनों एयरलाइन्स सिर्फ अगत्ती और कोचीन के बीच उड़ानें संचालित करती हैं। पर किंगफ़िशर इसके साथ-साथ अगत्ती से बेंगलुरु के लिए भी उड़ाने संचालित करती है। अगत्ती सिर्फ 7 किलोमीटर ही लंबा द्वीप है जहाँ यह हवाई अड्डा स्थित है। 
 3. लेंगपुई हवाई अड्डा, मिज़ोरम यह हवाई अड्डा वायु सेवा द्वारा कोलकाता और गुवाहाटी से और सप्ताह में तीन फ्लाइट द्वारा इम्फाल से जुड़ा हुआ है। मिज़ोरम की राजधानी आइज़ेल से यह 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेंगपुइ हवाई अड्डा भारत का प्रथम एवं सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार ने कराया था। इसके साथ ही यह पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह भारत के उन तीन हवाई अड्डों में से एक है जहाँ टेबल टॉप रनवे स्थित है, जो एक ऑप्टिकल इल्यूज़न पैदा करता है।
3. लेंगपुई हवाई अड्डा, मिज़ोरम यह हवाई अड्डा वायु सेवा द्वारा कोलकाता और गुवाहाटी से और सप्ताह में तीन फ्लाइट द्वारा इम्फाल से जुड़ा हुआ है। मिज़ोरम की राजधानी आइज़ेल से यह 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लेंगपुइ हवाई अड्डा भारत का प्रथम एवं सबसे बड़ा हवाई अड्डा है, जिसका निर्माण राज्य सरकार ने कराया था। इसके साथ ही यह पूर्वोत्तर भारत का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। यह भारत के उन तीन हवाई अड्डों में से एक है जहाँ टेबल टॉप रनवे स्थित है, जो एक ऑप्टिकल इल्यूज़न पैदा करता है।  4. जुब्बरहट्टी हवाई अड्डा, यह हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 22 किलोमीटर दूर, जब्बारहट्टी में स्थित है। इस हवाई अड्डे को पहाड़ के शीर्ष को काट कर बनाया गया है और इसके सिंगल रनवे को समतल क्षेत्र में परिवर्तित किया गया है। इसके एक छोटे एप्रन में दो छोटे विमानों को एक साथ पार्क करने की जगह है। इसका छोटा टर्मिनल उड़ान भरने के दौरान 50 व्यक्तियों को संभाल सकता है, पर उड़ान के प्रस्थान करने के दौरान सिर्फ 40 व्यक्तियों को संभाल सकता है ।
4. जुब्बरहट्टी हवाई अड्डा, यह हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 22 किलोमीटर दूर, जब्बारहट्टी में स्थित है। इस हवाई अड्डे को पहाड़ के शीर्ष को काट कर बनाया गया है और इसके सिंगल रनवे को समतल क्षेत्र में परिवर्तित किया गया है। इसके एक छोटे एप्रन में दो छोटे विमानों को एक साथ पार्क करने की जगह है। इसका छोटा टर्मिनल उड़ान भरने के दौरान 50 व्यक्तियों को संभाल सकता है, पर उड़ान के प्रस्थान करने के दौरान सिर्फ 40 व्यक्तियों को संभाल सकता है । 
ऐसे ही कई अनोखे व अद्भुत मानव रचनाओं के साथ भारत विदेशी पर्यटकों के लिए पूरी दुनिया में एक महत्वपूर्ण व आकर्षक केंद्र है। हम दावा करते हैं कि, इन अद्भुत रचनाओं की सैर कर आपको अपने भारतीय होने पर  गर्व होगा।
 
 
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें