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विनाशकाले विपरीत बुद्धी । इसको चरितार्थ करते हुए पाकिस्तान ने अब अमेरिका को भी आंख दिखाई है। पाकिस्तान की दूत मलीहा लोधी ने आज अमेरिका को दो टूक कहा कि उनका देश अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित नहीं करेगा।उसे संयुक्त राष्ट्र की सन्धि की परवाह नही, जब आप दक्षिण कोरिया को नही रोक पा रहे हैं तो पाकिस्तान मे दबाब की नीति वाजिब नही है। इससे एक दिन पूर्व अमेरिका ने पाकिस्तान से अपनी परमाणु गतिविधियों में कटौती करने का आग्रह किया था। लोधी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि परमाणु नियंत्रण के ऐसे प्रस्तावों पर अमेरिका को पाकिस्तान से पहले भारत को अमल कराना चाहिए। लोधी ने पाकिस्तान के विदेश सचिव अजीज चौधरी के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम सीमित नहीं हो सकता।” अगर सीमित ही कराना है तो पहले भारत की परमाणु गतिविधियों को बंद कराना चाहिए।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पाकिस्तान के अणु कार्यक्रम में कटौती के आग्रह के एक दिन बाद यह टिप्पणी आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने मंगलवार को कहा कि केरी और शरीफ ने हमारी ‘लंबी, दीर्घकालिक द्विपक्षीय साझेदारी पर और अमेरिका-पाकिस्तान रणनीतिक वार्ता पर चर्चा की। किर्बी ने कहा, “केरी ने अणु हथियार कार्यक्रमों में कटौती करने की जरूरत पर भी बल दिया। मंत्री ने 40 साल से ज्यादा समय तक अफगान शरणार्थियों को शरण देने के लिए पाकिस्तान की प्रशंसा की और मानवतावादी सिद्धांतों के लिए लगातार सम्मान के महत्व को भी रेखांकित किया।
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