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भारत के वैज्ञानिकों ने अबकी बार सेना को मजबूत करने के लिए कमर कस ली है ।प्रत्येक माह भारतीय वैज्ञानिक भारतीय सेना की ताक़त बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के हथियार बनाकर भरात की ताकत में इजाफा करते जा रहे हैं । हालांकि भारत का उद्देश्य किसी देश को निसाना बनाना या लड़ाई की अगुवाई करना नही है बल्कि ये सभी हथियारों को बनाने का उद्देश्य आत्मरक्षा है। वक़्त जरूरत पड़ने पर इनका प्रयोग भी किया जा सके । भारतीय सेना के पास एक के बाद एक अत्याधुनिक हथियारों का इजाफा होने के कारण भारत बिश्व की महाशक्तियों मे अपनी जगह बना रहा है, जो देश के लिए सुभ संकेत तो है ही साथ ही भारत को नुक्सान पहुचाने की सोच रखने वाले देशों के लिए एक चेतावनी भी है। रक्षा क्षेत्र मे सामिल लड़ाकू विमान हो या फिर घातक मिसाइलें हों, भारत अब आत्मरक्षा के साथ साथ आकस्मिक युद्ध को फतह करने की स्तिथि मे भी आ गया है ।
अब भारत सूर्य मिसाइ पे काम कर रहा है । बताया जा रहा है कि इस मिसाइल का परीक्षण 2017 में हो सकता है। ये मिसाइल एक साथ कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं । सूर्य मिसाइल की मारक क्षमता दस से बारह हज़ार किमी तय की गयी है । यह एक इंटरकॉन्टीनेंटल मिसाइल है । इस मिसाइल के भारतीय सेना में शामिल हो जाने के बाद भारत अपनी धरती से यूरोप, एशिया, अफ्रीका, अलास्का, उत्तरी कोरिया और कनाडा तक एक साथ सभी देशों पर सटीक निशाना साध सकता है। अमेरिका के पास पहले से तेरह हज़ार किमी, रूस के पास दस हज़ार किमी, चीन के पास चौदह हज़ार किमी की मारक क्षमता वाली ऐसी मिसाइल मौजूद है। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक भारत अपने वहां निर्मित मिसाइलों के एक्सपोर्ट करने के साथ साथ इनके समकक्ष विदेशी मेसाइलों को अपने खेमें में सामिल कर सकता है।
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