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कल यानि 15 अगस्त, 2016 को भारत अपना 70वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। यूं तो देश में प्रतिदिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है लेकिन स्वतंत्रता दिवस की बात ही कुछ निराली है। यह बात तो सभी जानते हैं कि इस दिन भारत ने खुद को अंग्रेजी सरकार की गुलामी से आजाद कर अपना स्वराज हासिल किया था। लेकिन इस दिन से जुड़े कई ऐसे तथ्य भी हैं जिनसे अभी तक बहुत से लोग अनजान हैं। हमें 15 अगस्त को ही आजाद क्यों किया गया? आजाद भारत के तिरंगे का इतिहास आदि कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें हम अपने ब्लॉग के माध्यम से आपके समक्ष प्रस्तुत करने जा रहे है।
भारत को किसी भी दिन आजाद किया जा सकता था लेकिन भारत में अंग्रेजी सरकार के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने देश को 15 अगस्त को ही आजाद घोषित करने का निश्चय इसलिए किया क्योंकि इसी दिन ठीक दो वर्ष पहले यानि 15 अगस्त, 1945 को जापान ने खुद को मित्र देशों के सामने समर्पित किया था।
भिकाजी रुस्तम कामा नें 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी में सबसे पहले तिरंगा फहराया था। लेकिन इस तिरंगे में और भारत के राष्ट्रीय ध्वज में थोड़ा अंतर था। भिकाजी कामा के झंडे में सबसे ऊपर हरा रंग, बीच में सुनहरा केसरी और सबसे नीचे लाल रंग था। इस झंडे पर 'वंदे मातरम' लिखा था।
वर्ष 1947 की शुरुआत में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली ने यह निर्धारित किया था कि भारत को जून 1948 से पहले स्वतंत्र कर दिया जाएगा। लेकिन महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन के चलते अंग्रेजी हुकूमत को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा जिसके चलते उन्होंने देश को जल्द आजाद करने का निश्चय किया।
भारत विभाजन के बाद नव निर्वाचित और भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को दोनों देशों भारत व पाकिस्तान में होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेना था। ऐसे में किसी भी तरह की असुविधा से बचने के लिए 14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया और भारत को 15 अगस्त के दिन आजाद किया गया।
भारत की आजादी के बाद तक जम्मू-कश्मीर रियासत के सरदार इस बात का निर्णय नहीं ले पा रहे थे कि उन्हें भारत के साथ मिलना चाहिए या पाकिस्तान के साथ। पाकिस्तान का मानना था कि प्रदेश की अधिकांश जनसंख्या मुसलमान है इसीलिए उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलना चाहिए लेकिन अंतत: अक्टूबर 1947 में जम्मू-कश्मीर रियासत के सरदार ने अपनी रियासत को भारत का हिस्सा बनाने पर अपनी रजामंदी दे दी।
15 अगस्त के दिन ही दक्षिण कोरिया ने जापान से (1945), बहरीन ने इंग्लैंड से(1971) और फ्रांस से कॉंगो गणराज्य ने(1960) स्वाधीनता हासिल की थी।
जवाहरलाल नेहरू ने अपना प्रसिद्ध भाषण 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' प्रधानमंत्री बनने से पहले ही दे दिया था। उल्लेखनीय है कि नेहरू ने यह भाषण 14 अगस्त की मध्यरात्रि को दिया था जबकि देश के पहले प्रधानमंत्री वह 15 अगस्त की सुबह बने थे।
भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में महात्मा गांधी का बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी को किसने प्रभावित किया था। लेखक डेविड थोरो ने अपनी एक किताब में यह बात लिखी थी लोगों को टैक्स नहीं देने चाहिए और सरकार के साथ किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं करना चाहिए। इसके बाद महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और नमक पर लगने वाले कर का विरोध करने जैसे आंदोलन किए।
पंद्रह अगस्त 1872 को महान स्वतंत्रता सेनानी और विचारक महर्षि अरबिंदो घोष का जन्म हुआ था।
पंद्रह अगस्त 1772 को ईस्ट इंडिया कंपनी ने विभिन्न जिलों में अलग सिविल और आपराधिक अदालतों के गठन का फैसला लिया
जब तय हो गया कि भारत 15 अगस्त को आजाद होगा तो जवाहर लाल नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने महात्मा गांधी को खत भेजा। इस खत में लिखा था-15 अगस्त हमारा पहला स्वाधीनता दिवस होगा। आप राष्ट्रपिता हैं, इसमें शामिल हों अपना आशीर्वाद दें। जय हिन्द, जय भारत
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