22 अगस्त 2016

अलगाववाद बनाम आतंकवाद।

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कश्मीर मे आतंकी बुरहान वानी के एन्कोउन्टर के बाद घाटी मे जबरदस्त तनाव देखने को मिल रहा है।साथ ही साथ वहां के लोगों का रवैया सेना के साथ हिंसात्मक होता जा रहा है। ऎसे मे केंद्र ने इससे निपटने के लिए बड़ा फैसला लिया है।आतंकी बुरहान बानी की मौत के बाद आज डेढ़ महीने से ज्यादा हो गए लेकिन हिंसा थमने का नाम नही ले रही है। अलगाववादी देश के सैनिको  पर पथराव कर रहे हैं।इसके जबाब मे सुरक्साबलों की गोली से 64 प्रदर्शनकारियों की मौत भी हो चुकी हैं। 
अब कश्मीर हिंसा पर केंद्र ने नया प्लान बना लिया है।आतंकी विरोधी कानून के तहत अलगाववादियों पर कार्यवाही करने के आदेश दे दिए गए है। सोशल मीडिया पर राष्ट्रिय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोभल द्वारा निगाह रखनी सुरु कर दी गयी है। उम्मीद की जा रही है कि इससे अलगाववादियों पर लगाम लगाई जा सकती है। कश्मीर मे अलगाववाद का फायदा उठाकर पाक इसका फायदा उठाता रहा है। अलगाववादी सिर्फ भारत का ही विरोध नही करते बल्कि इनके रिश्ते खतरनाक आतंकवादियों से भी है।  इनको कश्मीर मे हिंसा भड़काने के लिए पैसा भी मिलता रहता है। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर इस बात की मांग भी की जा रही है क़ि अलगाववादीओं को आतंकवादी घोसित कर दिया जाए। इस्लाम के नाम पर खून खराबा करने वाले आतंकवाद के खिलाफ केंद्र सरकार का यह एक सकारात्मक कदम है। 

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