ज़िंदगी में किसी चीज़ का पहला अनुभव होता है, तो वो वास्तव में अद्भुत और किसी चमत्कार से कम नहीं होता है। इसका अहसास ऎसे होता है जैसे किसी अंधे की आंखों में रौशनी आ गयी हो और विकलांग एकदम सही से चलना सुरु कर दे। अभी हाल में ही लद्दाख स्थित 'फुकतल गॉन्पा मॉनेस्ट्री' में एक चमत्कार हुआ.।हो सकता है कि वो हमारे लिए महज साधारण सी बात हो लेकिन उनके लिए यह होना बहुत बड़ी बात थी क्योंकी वहां 2500 सालों बाद बिजली के दर्सन हुए।
लद्दाख की इस मॉनेस्ट्री में 2500 साल बाद बिजली की लाइट लगाई गई। मज़े की बात जब यह मॉनेस्ट्री पहली बार रौशन हुई, तो लोग इसे दैवीय चमत्कार समझने लगे।इनमे से कई लोगों की आँखों मे आंसू निकल आये लगता था मानो वे रोने लगे हों।तो कइयों ने लाइट की पूजा करनी शुरु कर दी। यह अनुभव वाकई मर्मस्पर्शी था ।170 कमरों वाली इस मॉनेस्ट्री में हज़ारों लद्दाखी लोग रहते हैं।उनके लिए यही दुनिया है.।इससे पहले उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी में लाइट नहीं देखी थी हालांकि कुछ लोगों ने लाइट के बारे मे सूना ज़रूर था।यह पहला ऐसा मौका था, जब उन्होंने LED लाइट से मॉनेस्ट्री को जगमगाते देखा था । इस कृतिम रोसनी से वे इतने खुश थे कि रौशनी के हर पल का एहसास लेना चाहते थे। इस वजह से वे लोग पहले दिन लोग लाइट जलाकर ही सोए। क्योंकि वे इस बात से डर रहे थे कि क्या पता लाइट बंद कर दी, तो दोबारा जले-न-जले।
केंद्र सरकार के अक्षय ऊर्जा और सतत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के तहत इस परियोजना को अंतिम रूप दिया गया। लेकिन इस परियोजना से जुड़े कार्यकर्ताओं को बहुत मशक्कत करनी पड़ी क्योंकी यह क्षेत्र भारत के अति दुर्गम स्थानों मे से एक था।
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