जमीनी सरहद हो या फिर आकाश की सीमाएं हमारी सुरक्षा को हरपल मुस्तैद रहने वाले जवानों की सलामी भी काफी मायने रखती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि तीनों सेनाओं के जवानों की सलामी एक जैसी नहीं होती है। सेना के जवान की सलामी का तरीका और नेवी के जवान की सलामी का अंदाज एक जैसा नहीं होता है। तीनों सेनाओं की सलामी में एक बारीक अंतर होता है। यह अंतर अपने आप में एक गहरा राज छुपाए हुए होता है। आमतौर पर सलामी देना आदर और सम्मान जताने का एक तरीका होता है। सलामी देना विशेष तौर पर सशस्त्र बलों के साथ जुड़ा होता है। लेकिन इसका इस्तेमाल अन्य संगठन और नागरिकों की ओर से भी किया जाता है। आज हम आपको अपनी खबर में यही बताने की कोशिश करेंगे कि आखिर सेना, नेवी और एयरफोर्स के जवानों की सलामी में इतना अंतर क्यों होता है। आखिर क्या है इनकी अलग अलग सलामी के पीछे का राज।


भारतीय वायुसेना ने अपने सलामी देने के तरीके में थोड़ा बदलाव किया था। इस नए तरह की सलामी में जवान की हथेली जमीन से 45 डिग्री का कोण लिए होती है और दाहिने हाथ को सामने की तरफ से छोटे कर्व के साथ उठाया जाता है। सलामी का यह तरीका आर्मी(सेना) और नेवी के जवानों की सलामी के बीच की स्थिति है। इसे IAF ऑफिसर के लिए और ज्यादा सुविधाजनक बनाने की कोशिश की गई। इससे पहले IAF ऑफिसर्स की सलामी सेना के जवानों की तरह ही होती थी।
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