शायद आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि देश का मीडिया जहां एक तरफ देश मे हो रही बलात्कार की घटनाओं पर अपनी छाती पीटता है वहीं दूसरी तरफ वह अश्लीलता को बढ़ावा भी देता है।इण्डिया टुडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, मिस इण्डिया, मिस फेमिना आदि कुछ ऐसी मैगजीन है जिनके कवर पेज या दुसरे पृष्ठ पर आपको अश्लील तस्वीरें देखने को मिल जाएंगी। सवाल यह उठता है कि क्यों ये पत्रिकायें भारत मे इस तरह की अश्लीलता परोस रही है क्या इनका मकसद भारत की संस्कृति का नाश करने का है, मार्केटिंग का हिस्सा है या ऐसा किशी सडयंत्र के तहत किया जा रहा है ? इसके पीछे एक कारण हो सकता है कि प्रसाधन बनाने वाली कुछ विदेशी कम्पनियाँ भारत मे अपना बाजार ढूंढ रही है क्योंकि भारत की संस्कृति मे महिलायें ज्यादा प्रसाधन और सुंदरता का सामान इस्तेमाल नही करती थी क्योंकि भारत की महिलायें अपनी सौम्यता और सुंदरता के लिहाज़ से अन्य देशों की महिलाओं से प्राकृतिक रूप से सुंदर है। इस कारण विदेशी कंपनियों ने पहले भारत की महिलाओं मे ग्लैमर की चाह उत्पन्न की ताकि वे भी विश्व सौंदर्य प्रतियोगिता मे हिस्सा बनै। भारत की कई लड़कियां विश्व सुंदरी भी बनीं। फिर उनसे अपनी कंपनी का प्रचार प्रसार कराया जिसके पीछे उनका मक़सद भारत मे अपने सामान का प्रमोसन करना था। अंततोगत्वा वे अपनी सडयंत्र मे सफल रहे। आज भारत की ज़्यादातर महिलायें विदेशी कंपनियों के सामान का सुंदरता बढ़ाने मे करने लगी है जिस कारण स्किन संबधी बिमारियों से भी ग्रसित है और फिर दवाइयों का दूसरा बाजार ढूंडा जा रहा है। भारत ही नही किशी भी देश के लोगों को अपने देश की संस्कृति और संसाधनों का इस्तेमाल कर अपनी विरासत को संभालना और सवारना चाहिए ताकि भविष्य मे अगली पीढ़ी के लिए सहेजा जा सके।
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