भारत माता की जय और वन्दे मातरम् के नारे ने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर और उनको देश से भगाकर देश को आजादी दिलाई। आज ऐसे ही नारों को लेकर कुछ फिरकापरस्त ताकतें देश के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही हैं। 1948 मे भारत माता की जय न बोलने के कारण ही पाकिस्तान की नींव रखी गई थी। मुसलमानों के लिए अलग देश बनाने की मांग करने वाले मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत माता की जय न बोलने की बात कह कर देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों का मनोबल तोडऩे की हरसम्भव कोशिश की थी जिसमे वे अंत मे सफल रहे और देश का विभाजन हो गया।आज उसी तरह का माहौल फिर से बनाया जा रहा है।
एक तरफ पूरी दुनिया मुस्लिम आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठा रही है तो दूसरी तरफ हमारे अपने देश ही देश भारत में भारत माता की जय का विरोध कर उन्हीं कट्टर आतंकवादी समर्थक ताकतों को बढ़ावा देने की साजिश चल रही है जिसके परिणाम समय समय पर दिखाई दे रहे है। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता ओवैसी ने भारत माता की जय न बोलने का ऐलान करके देश में साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाडऩे की कोशिश की है। ओवैसी का कहना था कि अगर उनकी गर्दन पर छुरा भी रख दिया जाए तब भी वह भारत माता की जय का नारा नहीं लगाएंगे। बहुत ही ज्यलंत मामला प्रतीत होता है कि क्या इस राष्ट्रधर्मिता को अपने दिलों मे रखकर तथाकथित समाजसेवकों का ढोंग करने वाले राजनैतिक लोग इस देश के खिलाफ एक सुनियोजित सडयंत्र मे सामिल नही हैं ? ।
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