चमत्कार हमारी आस्था और विश्वास का आधार हैं साथ ही ईश्वर में हमारी श्रद्धा को भी बढ़ाते हैं. इंडोनेशिया मे सदियों पुराने एक हिन्दू मंदिर में प्राचीन क्रिस्टल शिवलिंग मिला है. इस शिवलिंग की ख़ास बात यह है कि इसके अंदर भरा हुआ पानी सदियां बीत जाने पर भी नहीं सूखा है. ये कोई चमत्कार है या नहीं, ये कोई नहीं जानता लेकिन वहां के लोग इसे अमृत बता रहे हैं।
मुस्लिम प्रधान देश इंडोनेशिया में क्रिस्टल का ऐसा शिवलिंग मिला है जिसे लेकर दुनियाभर के शिव भक्तों के मन में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है. अगर इतिहास की बात करें तो 13वीं से 16वीं शताब्दी के बीच इंडोनेशिया में हिन्दू धर्म का लंबा इतिहास रहा है. वहां पर अभी भी पूरे देश में इससे जुड़े ढेरों उदाहरण हैं. इन उदाहरणों में बहुत सारे मंदिर भी शामिल हैं. लेकिन इस्लाम के बढ़ते प्रभाव के बाद वहां मंदिरों का बनना कम हो गया था. इसके साथ ही मध्य इस्लामिक काल में कई मंदिर क्षतिग्रस्त भी हो गए. इन्हीं मंदिरों में से एक है कंडी सुकोह, जिसका काफी हिस्सा ध्वस्त हो चुका है. यह मंदिर मुख्य जावा आइलैंड के बीच में स्थित है. ये इस्लाम के प्रभाव से पूर्व बना अंतिम मंदिर है. इसमें भगवान शिव और महाभारत काल से जुड़ी कई कलाकृतियां मौजूद हैं. भीम, अर्जुन और शिव की पूजा करती श्रीगणेश की कलाकृतियां होने के कारण ये मंदिर काफी महत्वपूर्ण है.यहां मौजूद अधिकतर बेसकीमती कलाकृतियों को इंडोनेशिया के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है, इनमें से एक 1.82 मीटर ऊँचा शिवलिंग भी है. यहां की सरकार ने सभी कलाकृतियों के संरक्षण और पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराने के आदेश दिए, जिसके बाद कुछ नई कलाकृतियां दुनिया के सामने आईं. इनमें से एक है ये बेहद ही सुन्दर क्रिस्टल शिवलिंग, जो एक पीतल के बर्तन के भीतर सुरक्षित रखा गया था. अचरज की बात ये है कि इस बर्तन में जो पानी भरा हुआ था, वो इतनी सदियां बीत जाने के बाद भी सूखा नहीं है ।जिस बर्तन में ये शिवलिंग पाया गया है, वो उन कई जारों में से एक है, जो मंदिर के अंदर बने एक स्मारक के नीचे छुपाकर रखे गए थे.इस बर्तन में न सूखने वाले पानी के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण भी हो सकता है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ये अमृत है. कुछ भी हो, लेकिन इस प्राचीन शिवलिंग ने फिर एक चमत्कार किया है और लोगों की ईश्वर पर आस्था बढ़ा दी है।
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