24 मई 2016

वैदिक शिक्षा की तरफ भारत के बढ़ते कदम।

मोदी सरकार की तरफ से वेद विद्या को बढ़ावा देने के लिए एक नया प्लान तैयार किया जा रहा है। इसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय उज्जैन के एक स्वायत्त संस्था महार्षि संदिपानी राष्ट्रीय विद्या  प्रतिष्ठान (MSRVVP) के साथ मिलकर एक नया एग्जामिनेशन बोर्ड बनाने की तैयारियों में लगा है जो की CBSE की तरह ही काम करेगा। हालांकि, कुछ ऐसा ही बाबा रामदेव भी करना चाहते थे, पर उन्हें यू पी ए की तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से हरी झंडी नहीं मिली थी। इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए सरकार की तरफ से 5 सदस्यों की एक टीम को काम पर लगा दिया गया है। इस टीम का नेतृत्व सचिव देवी प्रसाद त्रिपाठी कर रहे हैं।उन्होंने इस बोर्ड को बनाने के लिए 6 करोड़ की मांग रखी है। इस बोर्ड का काम वेद की शिक्षाओं को भारत के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व मे फिर से स्थापित करना है
सरकार द्वारा इसे बोर्ड की मान्यता देने के बाद इसकी मान्यता भी बढ़ जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में हुई मीटिंग के वक्त तक इस संस्थान में 10,000 बच्चे शिक्षा ले रहे थे, जिसे सरकार का साथ मिलने के बाद 40,000 तक बढ़ाया जा सकता है। एक्सप्रेस के सूत्रों के मुताबिक, इन स्कूल में वेद और संस्कृत को मुख्य विषयों के तौर पर शामिल किया जाएगा। अगर ऐसा हो जाता है तो यह देश का पहला वैदिक एजुकेशन बोर्ड होगा।

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