23 मई 2016

मुस्लिम देश में सदियों से जल रही है माँ की अखंड ज्योति!

भारत में माँ दुर्गा के अनेकों मंदिर हैं, पर एक ऐसा देश जहाँ 95 फीसदी मुस्लिम रहते हैं, वहां माँ का मंदिर हो यह तो किसी आश्चर्य से कम नहीं है। हम बात कर रहें हैं रूस और इरान के मध्य बसे मुस्लिम देश अजरबेज़ान की जहां सुराखानी नामक स्थान पर माँ भगवती का एक प्राचीन मंदिर है।
सादे पत्थरों से बने इस मंदिर की बनावट कुछ-कुछ मस्जिद की तरह है। यहाँ कई सदियों से पवित्र अग्नि निरंतर जलती आ रही है। ठीक ऐसी ही ज्योत माँ ज्वालाजी के मंदिर में भी जलती है। हिन्दू धर्म में अग्नि को बहुत पवित्र माना जाता है।
मंदिर में लगातार जलने वाली ज्योत के कारण इसे अतिशागाह और टेम्पल ऑफ़ फायर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के शिखर पर एक त्रिशूल भी स्थापित है। साथ ही इसकी दीवारों पर गुरुमुखी लेख भी अंकित हैं। इस मंदिर का निर्माण 17वीं या 18वीं  शताब्दी के मध्य हुआ है। मंदिर में 1783 का उल्लेख किया गया है। कुछ इतिहासकारों का मानना हैं की मंदिर के निर्माता का नाम बुद्धदेव था और वह कुरुक्षेत्र के निकट हरियाणा के माद्जा गाँव का निवासी था।
इरान के लोग भी पहले यहाँ पूजा करने आते थे, परन्तु तुगलकी फरमानों के आतंक से 1860 ई. में यहाँ से पुजारी चले गये, और फिर कोई पुजारी लौट के वापस नहीं आया। तब से इस मंदिर में कोई भक्त पूजा करने नहीं आया।मुस्लिम देश होने के कारण भी कोई यहाँ दर्शन करने नहीं आता और न ही यहाँ माँ की जयकारों की गूँज सुनने को मिलती है। साँच को आंच कहाँ ?  शक्ति अपना काम और कृपा किशी के पूजने या न पूजने के बजाय अपने भक्तों के ऊपर उनकी श्रद्धानुसार करती रहती है। जय माता दी।



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