अपने देश के अविभाज्य कहे जाने वाले राज्य कश्मीर की एक काली रात, जिसको पढ़कर हर हिन्दू की आखों से आंसू झर झर बहने लगेंगे ।यह वो घिनोनी सच्चाई है जो कांग्रेस के राज में घटित हुई थी और अपने ही देश के नागरिकों के ऊपर हुए जुल्म पर उस समय के तमाम बड़े नेताओं ( बीजेपी और शिव सेना को छोड़कर ) ने चुप्पी साध ली थी , यहाँ तक की निष्पक्षता और सच्ची खबरें दिखाने की बड़ी बड़ी बातें करने वाली मीडिया के लोगों ने कभी भी उस काली रात की घटना पर कोई रिपोर्ट नही दिखाई थी। सालों बाद कुछ समय पहले जी न्यूज़ ने उसकी कवरेज जरुर की थी पर बाकि के मीडिया के लोग आज भी मौन है , चुप हैं मानों हिन्दुओं की जान और अपने ही देश मे उनकी इज्ज़त का कोई मोल ही नही होता है ।
यह 19 जनवरी 1990 की बात है। हर हिन्दू अपने घर में थर थर काँप रहा था , आखों से आंसू बह रहे थे और भगवान् से बस जान बचा देने की प्रार्थनाएं की जा रही थी । एक आध को छोड़कर सालों साल साथ रहने वाले उनके मुस्लिम पडोसी , दोस्त अपने अपने घरों में दुबके बैठे थे पर कोई मदद को आगे नही आया था , कश्मीर की इस काली भयानक रात को याद करते हुए विद्या भूषण धर जी ने काफी बातें अपने एक इंटरव्यू में कही थी ।
उनके अनुसार उस रात को कश्मीर में एक चाल खेली गयी थी , केंद्र की उस समय की कांग्रेस सरकार कश्मीर के मुस्लिमों और अलगाववादियों को खुस करने के वास्ते और उनका वोट बटोरने के लिए ये चाहती थी कि कश्मीर से हिन्दूओं को मार मार कर भगा दिया जाये। इस चाल को सफल बनाने के लिए पुलिस और सेना सभी को चुप रहने को कहा कहा गया था, और कोई भी करवाई ना करने के निर्देश दिए गये थे। राज्य में कोई सरकार तो थी ही नही और ना ही सेना और पुलिस को हइस घटना के रोकथाम करने के दिए जाने वाले गैरसेक्युलर केंद्रीय नेतागण। इस परिस्थिति मै कत्लेआम का ऐसा सिलसिला चला जिसको पढ़कर या जिसके बारे में जानकार कोई भी सच्चा भारतीय कांग्रेस सरकार के झूठे सेकुलरिज्म से नफरत करने लगेगा ।
हालाँकि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के लिए जगमोहन जी को गवर्नर बना कर भेजा था पर अफ़सोस कि वो भी उस रात घाटी तक पहुंचे ही नही थे । हिन्दुओं को अहसास हो गया था कि ये रात उनके जीवन की सबसे भयानक रात होने होने वाली है । मुसलमानों ने पहले से ही प्लान बना रखा था और अपने प्लान और सरकार के संरक्षण पर हजारों की संख्या में मुस्लिम अलगाववादियों की भीड़ ने हिन्दुओं के घरों पे मशालें लेकर हमला करना शुरू किया और मचा दिया ऐसा कत्लेआम कि जैसे ये हिन्दू किशी दुसरे देश के हों। एक बार उनके बारे सोचिये जिन्होंने ये सब सहा होगा।
मुसलमानों की उग्र भीड़ के द्वारा नारे लग रहे थे ” कश्मीर बनेगा पाकिस्तान ” और ये कश्मीर जो पाकिस्तान बनेगा इसमे हिन्दू पुरुष नही होंगे पर हिन्दुओं की औरतों को यहीं रख लिया जाएगा । इसी डर से हिन्दुओं ने अपनी जवान लड़कियों और औरतों को तहखानों में छुपा दिया था और हर एक के हाथ ने अपनी लड़कियों , माता बहनो को कड़े मन से जहर के पैकेट दे दिए, ताकि अगर इज्ज़त पे कोई आंच आये तो वे मासूम लड़कियां जहर खाकर अपनी जान दे दें । कितना दर्दनाक रहा होगा एक माँ बाप के लिए अपने कलेजे के टुकड़ों को जहर देना और ये कहना कि तुम मर जाना ।
वहां नारे लग रहे थे हिन्दुओं की औरतों को उठा लो , हिन्दुओं को मुसलमान बना लो और जो ना बने उसको काट के फेंक दो , कहते हैं उस रात के बाद करीब 4 लाख हिन्दुओं का पलायन कश्मीर से हुआ और करीब 2000 से ज्यादा हिन्दुओं की हत्या एक ही रात में की गयी थी । प्री प्लान और भ्रस्टाचार का खेल देखिये, कश्मीर के अंदर घटी इस घटना पर मीडिया बिलकुल शांत रहा और उसने देश को कुछ भी नही बताया । विडंबना देखिये कि एक बछड़े को चुराने वाले और उसको मार कर खा जाने वाले चोर और उसके परिवार के लिए मीडिया और तथाकथित साहित्यकार पुरे देश को असहिष्णु ठहरा देते हैं क्यूंकि उन्हें केवल एक पार्टी और एक कौम के तलवे चाटने हैं पर हिन्दुओं पर होने वाले ऐसे जुल्मों पर ये मौन रहते हैं। अब भी समय है यदि भारत का जनमानस इन ढोंगी सेक्युलर नेताओं के चक्रव्यूह मे फस गया तो वो दिन दूर नही जब भारत एक इस्लामिक मुल्क बन जायेगा।
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