मोहना, अवनी और भावना बनीं भारतीय वायुसेना की पहली महिला फाइटर पायलट, रचा इतिहास
आसमान हो या धरती महिलाएं हर जगह अपनी अलग पहचान बनने में सफल हो रही हैं. इस फेहरिस्त में एक नई मिसाल और शामिल हो गई है. आज सुबह महिला फाइटर पायलटों का पहला जत्था भारतीय वायुसेना में शामिल हो गया.
हैदराबाद के हकीमपेट में स्थित एयरफोर्स अकादमी में शनिवार सुबह पासिंग आउट परेड की शुरुआत हुई. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी अकादमी पहुंचे. उन्होंने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया. जिसके बाद देश के नभ को सुरक्षित रखने का जिम्मा पहली बार तीन महिला पायलटों को सौंप दिया गया. उसके बाद हिन्दुस्तान की इन तीनों बेटियों ने आसमान में इतिहास रच दिया. बिहार के बेगूसराय की भावना कंठ, मध्यप्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी और वडोदरा की मोहना सिंह पहली बार वायुसेना में बतौर फाइटर प्लेन पायलट कमीशन हो गई हैं. दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में हैं. जबकि भावना ने एमएस कॉलेज बेंगलुरु से बीई इलेक्ट्रिकल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है.
ये तीन महिलाएं देश की पहली महिला फाइटर पायलट होगीं. पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने महिलाओं को बतौर फाइटर पायलट वायुसेना में लेने की मंजूरी दी थी. 2400 किमी की रफ्तार से उड़ने वाले भारतीय वायुसेना की शान सुखोई को उड़ाने का मौका अभी तक देश के सबसे बेहतरीन पायलट्स को ही मिलता है. एयरफोर्स एकेडमी डुंडीगल में 120 कैडेट्स चुने गए थे. महिला कैटेड्स भी इन्हीं में शामिल थीं. एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर तीनों को फाइटर पायलट की ट्रेनिंग का ऐलान किया गया था. अब इनकी एक साल की एडवांस ट्रेनिंग कर्नाटक के बीदर में होगी.अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी. इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया. यह पहला मौका होगा जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी. वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं, जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं. 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था
सूत्रों के अनुसार, सशस्त्र बलों में महिलाएं बेहद कम हैं. भारतीय वायुसेना में करीब 1350 महिला अधिकारी हैं, जबकि थल सेना में 1300 और नौसेना में इनकी संख्या 450 है. गौरतलब है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बजट सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि भविष्य में सेना के सभी वर्गों के लड़ाकू दस्ते में महिलाओं को शामिल किया जाएगा..
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