इशरत जहां मामले में सोमवार को बीजेपी और सरकार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सीधा और तीखा हमला बोला, बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस इस मामले का इस्तेमाल करके नरेन्द्र मोदी को उखाड़ फेंकना चाहती थी उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सक्रिय तौर इस काम में लगी हुई थी जिसके सबूत मा सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किये है और माना है कि इसरत जहां एक आतंकवादी थी।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस मामले से जुड़े पहले हलफनामे में बदलाव करने के लिए हस्ताक्षर किए थे। केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस खासतौर पर सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए, क्योंकि चिदंबरम ने जो कुछ किया, वो इसलिए किया, क्योंकि कांग्रेस राजनीतिक तौर पर मोदी का मुकाबला नहीं कर पा रही थी।
बीजेपी ऑफिस में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने एक आतंकी साजिश को हल्के में लिया ताकि मोदी को बर्बाद किया जा सके। उस वक्त सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने जो कुछ संभव था और जो उनके हाथ में था वो किया चाहे वो नैतिक हो या अनैतिक। कांग्रेस चाहती थी कि एक वर्ग के बीच इस मामले को कुछ इस तरह से पेश किया जाए कि मोदी के खिलाफ कोई आतंकी साजिश नहीं थी और इशरत जहां का एनकाउंटर फर्जी था।
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