19 अप्रैल 2016

भ्रस्टाचार की पोल खोल। यूपी के पूर्व डी जी पी का खुलाशा, सी एम तक जाता है पैसा।

पूर्व डीजीपी महेश चंद्र दि्वेदी ने खुलासा किया है कि 90 के दशक में पुलिस भर्ती की लिस्ट खुद सीएम तय करते थे।यही नहीं, पैसा भी सीधे उन्हीं के पास जाता था। सीएम ही तय करते थे कि किसकी पोस्टिंग कहां करनी है। यही वजह है कि बहुत से पुलिस में वो लोग भर्ती हो गए, जिनका खुद का क्रिमिनल रिकॉर्ड है। ये खुलासा उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में किया है।
भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पहले के सीएम और मंत्री स्तर के लोगों को अधिकारी इज्जत देते थे। अगर कोई पोस्टिंग और ट्रांसफर होता था तो कॉन्फिडेंस में लेकर किया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होता है।आज वैसे नेता नही रह गए हैं।ज़्यादातर नेता पैसा कमाने राजनीती मे आते है।

अब सिर्फ सीएम और मंत्रियों की चलती है
पूर्व डीजीपी ने कहा कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में अब पूरी तरह से राजनीतिक दबाव होता है और सीएम और मंत्रियों की ही चलती है। मलाईदार जिलों मे पोस्टिंग का पैसा ज्यादा पहले से तय होता है जो जितना माल देगा उतना ही काटेगा।
दूसरी ओर, हमें आए दिन सीएम मंत्रियों से काम पड़ता रहता है, इसलिए उनसे लड़ भी नहीं सकते हैं।
पूर्व डीजीपी ने बताया कि जब चुनाव होते हैं तो सत्ताधारी पार्टी पूरी तरह से पोस्टिंग के लिए प्लानिंग करती है कि किसको कहां पर पोस्टेड करना है ताकि निर्विरोध रूप से लोगों के वोटों को अपनी पार्टी के लोगों को डलवाया जा सके 
इन पोस्टिंग में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि किसकी पोस्टिंग से वोट मिलने में कितना फायदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि फर्जी वोटिंग भी बहुत से लोग पहले करा देते थे। हालांकि, सीआरपीएफ की तैनाती के बाद इसमें काफी रोक लगी है।

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