स्टार्टअप कंपनी वेलमेनी के सह संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दीपक सोलंकी बताते हैं कि उन्होंने लाईफाई तकनीक का प्रायोगिक परीक्षण एस्तोनिया के टालिन में किया है। दीपक कहते हैं कि लाईफाई तकनीक तीन से चार साल में आम आदमी की पहुंच में होगी।
दीपक की कंपनी के सभी कर्मचारी भारतीय हैं। लेकिन इस तकनीक के लिए उन्हें भारत में कोई निवेशक नहीं मिला है। दीपक कहते हैं, ‘भारत में किसी को भी इस तकनीक के सच होने पर विश्वास ही नहीं हो रहा है।’
यह तकनीक कॉल ड्रॉप जैसी समस्याओं के लिए निदान के लिए रामबाण साबित हो सकती है। दीपक बताते हैं कि लाईफाई चलाने के लिए आपको बिजली का एक स्रोत जैसे एलईडी बल्ब, इंटरनेट कनेक्शन और एक फोटो डिटेक्टर चाहिए।
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