28 अप्रैल 2016

भारत चीन युद्ध मे बामपंथियों ने दिया था चीन का साथ।

वर्ष 1962 मे चीन ने भारत पर रातों रात हमला कर दिया था, इस युद्ध में भारत के हज़ारो जवानो देशरक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे और उनके बच्चे अनाथ और बेसहारा।आपको जान कर हैरानी होगी की वाउस युद्ध मे आज सेक्युलर पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलजुलकर सरकार बनाते रहने वाला वामपंथी दल के राजनेताओं ने अपने ही देश भारत के साथ गद्दारी करके चुपचाप  चीन का साथ दिया था।वामपंथियों के गढ़ केरल में कई वामपंथी नेताओं को 1962 के युद्ध के बाद गिरफ्तार किया गया था ।दरअसल चीन एक वामपंथी देश है और भारत के वामपंथी चीन को अपना गुरु मानते है, 1962 युद्ध के समय देश में वामपंथी नेता चीन के पक्ष में बयानबाजी करते थे भारत की बुराई करते थे। उनकी यह मानसिकता आज भी नही बदली है इसी कारन कांग्रेस की मानसिकता से मेल खाती है। नक्सली जो भारत में आतंक मचाते है वो सब भी वामपंथी ही हैं और चीन से पैसा और हथियार पाते है, इतिहास गवाह है कि किसी भी युद्ध की परिस्तिथि में माओवादी/वामपंथी भारत के खिलाफ ही जंग छेड़ देते है। हमने राजनेताओं को चुनते समय पहले उनकी राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना को अच्छी तरह सूझ बूझ कर जाँच लेना चाहिये। कँही ऐसा न हो क़ि हम अपने ही मताधिकार से अपने ही पैरों मे कुल्हाड़ी मार रहे हों। राष्ट्रहित सर्वोपरी है।
जिस तरह भारत के वामपंथी सेना को बलात्कारी, कश्मीर की आज़ादी, हिन्दुओ से नफरत के कार्यक्रम चलाते रहते है भविष्य में ये वामपंथी देश के लिए बड़ा ख़तरा जरूर सिद्ध होंगे, इन लोगों का काला इतिहास भी ये बात बताता है।

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