आज रामनवमी है। सनातन धर्म मे इस दिन का काफी महत्व है। त्रेता युग में चैत्र मास की नवमी तिथि को अयोध्या में भगवान राम ने अवतार लिया था। वाल्मिकी ने भगवान राम के जीवन चरित्र को रामायण ग्रंथ में समाहित किया था। संवत 1631 में गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस की रचना की थी। भगवान राम के जीवन चरित्र से जुड़े हुए इन दोनों ग्रंथों ने न केवल सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के कई देशों के आम आदमियों पर अमिट छाप छोड़ी है।
इंडोनेशिया में भी है अयोध्या नगरी~~
इंडोनेशिया में भी है अयोध्या नगरी~~
ऐसा ही एक देश है इंडोनेशिया, इंडोनेशिया दुनिया के मुस्लिम बाहुल्य राष्ट्रों में से एक है। इसके बावजूद वहां की संस्कृति रामायण के इर्द-गिर्द रची बसी है और वहाँ का राष्ट्रीय ग्रन्थ रामायण है। 1973 में वहां की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन भी किया था। इंडोनेशिया में भारत की तरह एक अयोध्या नगरी है, जिसे योग्या कहते हैं। वहां की भाषा में रामायण यानी काव्य नाम से राम कथा है जिसके रचयिता इंडोनेशियाई कवि योगेश्वर हैं। इंडोनेशिया के नौ सेना अध्यक्ष को आज भी लक्ष्मण कहा जाता है। वहां की यातायात सेवाओं को जटायु व संपात्ति के नाम दिए गए हैं। माता सीता को देवी सिंता नाम से पुकारा जाता है। प्रभु हनुमान वहां के सबसे लोकप्रिय पौराणिक चरित्र हैं। इंडोनेशिया के स्वतंत्रता दिवस 27 दिसंबर को राजधानी जकार्ता में सैकड़ों लोग हनुमान का वेश धारण कर सरकारी परेड में शामिल होते हैं। वहां का बाली द्वीप रामायण के महत्वपूर्ण पात्र और अंगद के पिता राजा बालि के नाम पर है। जय श्री राम
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